टाइगर रिजर्व : हरियाली के बीच नहरों का जाल, विचरण करते बाघ हैं पहचान

पीलीभीत। तराई की गोद में बसे जंगल की ब्रिटिशकाल से पहचान है। हरियाली की छठा और उसके बीच से गुजरने वाली नहरों का जाल पर्यटकों के लिए खास बना रहता है। अनुकूल वातावरण के चलते बाघ समेत अन्य वन्यजीवों की बढ़ती संख्या टाइगर रिजर्व की रौनक में चार चांद लगाती है। बाघों की बढ़ी सं0000ख्या से पीलीभीत टाइगर रिजर्व को अंतरराष्ट्रीय पर पहचान दिलाई है। शांत वातावरण में जल, जंगल और वन्यजीवों का दीदार करने के लिए पीटीआर में आने वाले पर्यटकों की संख्या निरंतर बढ़ रही है। महोफ रेंज के कोर एरिया में बना पीटीआर का पर्यटन स्थल ‘चूका बीच’ भी पर्यटकों की संख्या बढ़ने की एक अहम वजह है। जंगल के बीचों बनी सुंदर हटें और शारदा डैम में हिलोरें मारता पानी पर्यटकों को मिनी गोवा जैसा एहसास कराता है।

– जून 2014 में जंगल को टाइगर रिजर्व घोषित किया गया।

– 72 हजार हेक्टेयर में फैला जंगल पांच वन रेंजों में बटा हुआ है।

– अनुकूल वातावरण से बाघों की संख्या तीन साल में 44 से बढ़कर 65 हो गई।

– जंगल भ्रमण के दौरान बाघ, तेंदुए और भालू समेत अन्य वन्यजीवों का दीदार किया जा सकता है।

वनजीव नाम वर्ष 2019 वर्ष 2022

गुलदार/तेंदुआ 36 101
फिसिंग कैट 27 109
पाड़ा 882 2000
चौसिंघा 10 110
वनरोज 4639 7077
सांभर 231 649
चीतल 5276 28257
बारह सिंघा 845 1431
काकड़ 342 785
भालू 84 190
जंगली सुअर 4828 18900
मोर 2680 5008
जंगली बिल्ली 114 326
सेंही 159 1050
गोह 105 1035

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