एनएस 1 रिपोर्ट से नही होता डेंगू कंफर्म, एलाएजा टेस्ट जरूरी: सीएमओ

नवाबगंज क्षेत्र में 558 लोगों की जांच में नही मिला एक भी ड़ेंगू का मरीज़

  • प्लेटलेट्स कम आने पर डेगू का खौफ फैला रहे निजी चिकित्सक
  • मलेरिया, टायफाइड में भी कम होती हैं प्लेटलेट्स
  • नवाबगंज के किसी भी अस्पताल से डेंगू के मरीजों के भर्ती होने की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को नही दी गई

नवाबगंज। डेंगू कंफर्म के लिए एलाएजा टेस्ट कराया जाता है जबकि निजी चिकित्सक एनएस-1 टेस्ट कराने के साथ ही हैमेटोलॉजिकल टेस्ट में प्लेटलेट्स कम आने पर डेंगू बताकर मरीजों को भर्ती कर महंगा इलाज कर रहे हैं। नगर में चल रही लैब्स का निरीक्षण कर अबैध रूप से चल रही लैब्स पर अंकुश लगाने के निर्देश दिए हैं।
सीएचसी नवाबगंज में स्वास्थय सेवाओं का निरीक्षण करने पहुंचे मुख्य चिकित्साधिकारी बलबीर सिंह ने जन सामान्य से डेंगू जैसी घातक बीमारी के भ्रामक प्रचार से बचने की अपील करते हुए कहा कि मात्र प्लेटलेट्स का कम होना ही डेंगू के लक्षण नहीं है। प्लेटलेट्स तो मलेरिया, टाइफाइड व अन्य गम्भीर रोगों में भी कम हो जाते हैं ऐसे में एकदम डेंगू मान लेना उचित नहीं है। एलाएजा ( डेंगू कन्फर्म ) की जांच से ही डेंगू प्रमाणित होता है। निजी चिकित्सालयों में डेंगू के मरीजों की भरमार होने की बात पर उन्होने सीधे कहा कि नवाबगंज के किसी भी अस्पताल से डेंगू के मरीजों के भर्ती होने की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को नही दी गई है।

डेंगू का खौफ दिखा कर निजी चिकित्सक वेवजह लोगों का कर रहे हैं महंगा इलाज

सीएमओ सिंह ने निजी चिकित्सकों को भी इस मामले में संवेदनात्मक रवैया न अपनाने की चेतावनी देते हुए डेंगू के रोगियों की शत प्रतिशत सूचना प्रेषित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इस पर भी चिन्ता व्यक्त की कि डेंगू का खौफ दिखा कर निजी चिकित्सक वेवजह लोगों का महंगा इलाज कर रहे हैं। इसके साथ ही मुख्य चिकित्साधिकारी ने नगर में जहां तहां बिना मानक के चल रही लैब्स ( परीक्षण प्रयोगशालाओं ) पर अंकुश लगाने के निर्देश भी दिए।

सीएचसी प्रभारी ने नगर पालिका परिषद के सिर फोड़ा संभावित डेंगू जैसी घातक बीमारी का ठीकरा

नगर के साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में फैल रहे डेंगू के मामलों को लेकर चिकित्साधीक्षक डा. अजमेर सिंह ने कहा कि डेंगू व मलेरिया के साथ ही संक्रमक रोग मच्छर व गंदगी व गंदले पानी के ठहराव से फैलते हैं। इसके लिए फागिंग व जल निकासी की सुचारु व्यवस्था आवश्यक है। नगर पालिका को सफाई व्यवस्था दुरस्थ करने के साथ ही मच्छररोधी दवाओं के छिड़काव कराने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि उनके स्तर से शिविर लगाकर नगर के भट्टा मोहल्ले, इस्लाम नगर, चौपला, चाणक्यपुरी, जामा मस्जिद के साथ ही टांडा सादात व ईंध जागीर में 558 लोगों की कराई गई जांच में किसी में डेंगू के लक्षण नहीं पाए गए जबकि निजी चिकित्सक मात्र एनएस-1 पॉजिटिव आने पर ही डेंगू बताकर भ्रामक जानकारी दे रहे हैं जबकि इसे सम्भावित डेंगू ही कहा जा सकता है। डेंगू के लिए एलाएजा टेस्ट ही जरूरी है।

नगर में हो चुकी हैं दो दर्जन मौत

नवाबगंज नगर में दो अधिवक्ताओं, सीएचसी पर तैनात आयुष के मेडीकल ऑफिसर के साथ ही करीब दो दर्जन की मौत हो चुकी है। निजी चिकित्सालयों में मृतकों का एनएस-1 टेस्ट कराया गया था जिसके आधार पर मृतकों के परिजनों को डेंगू होने की जानकारी देकर उपचार किया गया था। सीएचसी प्रभारी डॉ. अजमेर सिंह ने बताया कि कुछ मृतकों की रिपोर्ट उन्होने उनके यहां जाकर देखी हैं जो एनसस-1 मिली है। जिससे यह कहना कि उनकी मौत डेगू से हुई है। सीएचसी पर तैनात आयुष मेडीकल ऑफिसर डॉ. लईक अहमद के निधन डेगू से होने पर उन्होने कहा कि डॉ. लईक का भी एलाएजा टेस्ट नही हुआ था। डॉ. लईक का निधन डेंगू से होना नही माना जा सकता।

सफाई व्यवस्था दुरस्थ करने के दिए निर्देश

सीएचसी पर रखे डस्टबिन पर गंदगी देखकर सीएमओ ने नराजगी जताते हुए सफाई व्यवस्था दुरस्त करने के निर्देश सीएचसी प्रभारी को दिए। सीएचसी प्रभारी ने बताया कि सीएचसी पर कोई भी नियमित सफाई कर्मचारी नही है। ठेकेदार से एक सफाई कर्मी लगा हुआ है।

साहब! रैफर सेंटर बन गया है सीएचसी

सीएचसी पहुंचे सीएमओ से मौजूद लोगों ने बुखार व अन्य बीमारियों के मरीज आने पर एक चिकित्सक पर निजी चिकित्सालय में भेजने की शिकायत करते हुए कहा कि सीएचसी पर तैनात चिकित्सक की पत्नी व पत्नी का भाई नगर के एक निजी चिकित्सालय का संचालन करते है। सीएचसी पर जब बुखार या अन्य बीमारियों के मरीज आते है तो उन्हे उस अस्पताल में जाने को कहा जाता है। सीएमओ डॉ. बलवीर सिंह ने सीएचसी प्रभारी डॉ. अजमेर सिंह को इस गंभीरता से देखने के निर्देश दिए हैं।

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