तहेरे भाई ने दोस्त की मदद से की थी अभिषेक की हत्या
पीलीभीत। अभिषेक की हत्या उसके सगे तहेरे भाई बरेली निवासी सोनू ने नाबालिग दोस्त के साथ मिलकर की थी। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है। इसके साथ ही सोनू के पिता व अभिषेक के ताऊ शिवशंकर को भी गिरफ्तार किया है। शिवशंकर, उसके पुत्र सोनू को जेल भेज दिया गया है जबकि नाबालिग दोस्त को बरेली स्थित बाल सुधारगृह भेजा गया है। पुलिस शिवशंकर के दामाद की भी तलाश कर रही है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि शिवशंकर व उसका लड़का अभिषेक की दुकान हड़पना चाहते थे। इसी विवाद के चलते हत्या की गई।
जहानाबाद के शाही गांव निवासी अभिषेक 11वीं का छात्र था। उसके पिता की दो साल पहले मौत हो गई थी। घर में वह सबसे बड़ा था। अभिषेक साइकिल मिस्त्री भी था, बाजार में उसकी दुकान थी। पिता की मौत के बाद ताऊ शिवशंकर व उसका लड़का सोनू दुकान को हड़पना चाहते थे। इसी को लेकर दोनों पक्षों में दो माह पहले विवाद भी हुआ था। बृहस्पतिवार को गन्ने के खेत में अभिषेक की लाश मिलने के बाद मां बसंती देवी ने जेठ शिवशंकर, जेठ के पुत्र सोनू, दामाद बरेली के थाना देवरनिया के गांव राठ निवासी सुनील और एक अज्ञात के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई। रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस ने शिवशंकर को पकड़ लिया। इसके बाद शुक्रवार को ललौरीखेड़ा के पास से सोनू और उसके दोस्त को गिरफ्तार कर लिया।
पहले तो दोनों ने कुछ नहीं बताया। पुलिस ने थोड़ी सख्ती की तो सोनू ने बताया कि दो माह पहले उसका अभिषेक से दुकान को लेकर विवाद हो गया था। इस पर घर छोड़कर वह बहनोई सुनील के यहां चला गया था। बहनोई की बाइक रिपेयरिंग की दुकान पर मैकेनिक का काम करने लगा। वहीं उसने साथ में काम करने वाले दोस्त के साथ मिलकर अभिषेक की हत्या करने की योजना बनाई। योजना के अनुसार 19 अक्तूबर को वह अपने दोस्त के साथ खमरिया पुल पहुंचा। इसके बाद वह घटनास्थल से कुछ पहले जाकर छिप गया और अभिषेक को बहाने से बुलाने के लिए दोस्त को भेज दिया। दोस्त ने खमरिया पुल के पास बाइक खराब होने का बहाना बनाया और अभिषेक को साथ ले आया। खमरिया पुल पर आते ही दोनों लोग अभिषेक को गन्ने के खेत में खींचकर ले गए। यहां उसकी चाकू से गला काटकर हत्या कर दी। पेचकस से भी कई वार किए। पुलिस ने हत्या में प्रयोग किया गया चाकू, पेचकस बरामद कर लिया है। अभिषेक का मोबाइल भी मिल गया है।
दो माह पहले ही रच ली गई थी हत्या की साजिश
अभिषेक के पिता ने बरेली हाईवे के खमरिया पुल के पास कस्बे में दुकान ली थी। यहां वह मोटरसाइकिल व साइकिल मरम्मत का काम किया करते थे। दुकान भी अच्छी चलती थी। दो साल पहले पिता की मौत के बाद अभिषेक ने काम संभाल लिया। दुकान का विवाद होने पर दो माह पहले सोनू अपने बहनोई के यहां चला गया और कस्बे में लापता होने की अफवाह उड़ा दी। जबकि दूसरी तरफ उसने अभिषेक की हत्या की योजना तैयार की। बृहस्पतिवार को अभिषेक की हत्या के बाद जब उसकी मां ने अभिषेक के तहेरे भाई पर आरोप लगाया तो बताया गया कि वह तो दो महीने से लापता है।