पीलीभीत : दो ज्वैलर्स के प्रतिष्ठानों पर जीएसटी छापा, 80 लाख की कर चोरी पकड़ी
देर रात तक चली कार्रवाई में 20 लाख रुपये जुर्माना वसूला गया खरीद-फरोख्त के दस्तावेज जब्त
विनय कुमार सक्सेना पीलीभीत। जीएसटी विभाग की टीम ने शहर के दो ज्वैलर्स के प्रतिष्ठानों पर सोमवार को छापा मारकर 80 लाख रुपये की कर चोरी पकड़ी है। दोनों जगह से करीब 20 लाख रुपये जुर्माना वसूला गया है। खरीद-फरोख्त के दस्तावेजों को जब्त कर देर रात तक जांच-पड़ताल जारी थी। इस दौरान कार्रवाई के चलते पूरे बाजार में हड़कंप की स्थिति रही।
छापे की कार्रवाई के लिए बरेली से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की विशेष अनुसंधान शाखा (एसआईबी) की 14 सदस्यीय टीम शाम चार बजे शहर के सराफा बाजार पहुंची। टीम ने ग्राहक बनकर दोनों दुकानों पर छापे मारे। दुकानदारों ने कच्चे बिल पर उनके हाथ माल की बिक्री की । यहां टीम ने दोनों ज्वैलर्स के शोरूम पर अभिलेख खंगाले और विक्रय और क्रय से संबंधित रिकॉर्ड को गहनता से देखा। शहर के नामचीन सराफ मॉडर्न ज्वैलर्स व झंकार ज्वैलर्स दोनों ही नामचीन सराफ खरीद-फरोख्त के कागजात नही दिखा सके। कुछ दस्तावेजो को टीम द्वारा जब्त किया गया ।
टीम में शामिल अधिकारियों ने बताया कि दोनों ही दुकानों पर कर की चोरी सामने आई है। कच्चे बिल पर माल की बिक्री की जा रही थी। पिछले वर्ष बिक्री के एवज में टैक्स भी नाममात्र का ही जमा किया गया।
जांच में एक ज्वैलर्स के यहां 15.5 करोड़ की बिक्री पर 3000 रुपये टैक्स जमा होना पाया गया। इस पर टीम ने 14 लाख रुपये जर्माना जमा कराया। दूसरे प्रतिष्ठान पर 8.5 करोड़ की बिक्री पर एक लाख रुपये ही टैक्स जमा करने की बात सामने आई और उनसे 6 लाख रुपये जुर्माना जमा कराया गया।
खुद खरीदारी करके पकड़ा
छापे से पहले जीएसटी टीम के अधिकारियों ने ग्राहक बनकर दोनों दुकानों से खुद खरीदारी की। इस दौरान दोनों जगह कच्चा बिल दिया गया। इसी बिल को जांच का आधार बनाकर छापा मारने की कार्रवाई की गई।
अन्य दुकानों से चले गए ग्राहक
छापे के दौरान पूरे बाजार में अफरा-तफरी का माहौल हो गया। आसपास की अन्य दुकानों पर भी सन्नाटा पसर गया। खरीदार वापस चले गए। कुछ दुकानदार अपनी दुकानों से बाहर आकर टीम की गतिविधियों को देखते रहे।
दोनों ज्वैलर्स की दुकानों पर बिक्री में करीब 80 लाख रुपये की कर चोरी का मामला पकड़ में आया है। मौके पर मिले जेवरात के क्रय-विक्रय के प्रपत्र प्रदर्शित नहीं किये गए। अभिलेखों को जब्त करके कर प्रणाली के तहत कार्रवाई की जा रही है। –
अनिरुद्ध सिंह, डिप्टी कमिश्नर, एसआईबी