नाबालिग ने वाहन चलाया तो जेल जाएंगे अभिभावक, भरना होगा 25 हजार जुर्माना

लखनऊ। नाबालिग के दो पहिया और चार पहिया वाहन चलाने पर प्रतिबंध संबंधी कानून को उत्तर प्रदेश में अब और सख्ती से लागू किया जाएगा। अधिकारियों के मुताबिक, अगर अभिभावकों या गाड़ी मालिक ने नाबालिग दो या चार पहिया वाहन चलाने दिया तो उन्हें तीन साल की कैद की सज़ा हो सकती है और उनपर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है।

परिवहन आयुक्त चंद्रभूषण सिंह की ओर से जारी दिशा-निर्देश में कम उम्र में वाहन चलाने से होने वाले हादसों पर रोक लगाने के निर्देश दिए गए हैं। सरकार ने मोटर वाहन अधिनियम में नई धारा जोड़ी है। इसमें किशोर के वाहन चलाते पकड़े जाने पर अभिभावकों को दंडित करने का प्रावधान है। ऐसे वाहन का पंजीकरण भी एक साल के लिए निरस्त कर दिया जाएगा। जो किशोर वाहन चलाते पकड़े जाएंगे, उनका ड्राइविंग लाइसेंस 25 वर्ष की आयु के बाद बनेगा।
पत्र के अनुसार, परिवहन आयुक्त ने परिवहन अधिकारियों को भेजे गए पत्र में यह भी कहा है कि उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य शुचिता चतुर्वेदी ने पिछले साल 15 दिसंबर को एक पत्र लिखकर अवगत कराया है कि 18 वर्ष से कम उम्र के किशोर-किशोरियों द्वारा बिना ड्राइविंग लाइसेंस के मोटरसाइकिल, स्कूटी व अन्य वाहन चलाए जाने से अनेक दुर्घटनाएं हो रही हैं और लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय तथा लोहिया संस्थान के विशेषज्ञों द्वारा दिए गए आंकड़ों के अनुसार, सड़क दुर्घटनाओं में जान गंवाने वाले लोगों में से 40 प्रतिशत नाबालिग होते हैं।

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