बुखार, डायरिया का इलाज कराने को झोलाछाप की शरण में गरीब तबका
सरकारी अस्पतालों में नही समुचित व्यवस्थाएं, निजी हॉस्पिटल में बन रहे मोटे बिल
रियाजुद्दीन अंसारी नवाबगंज। नवाबगंज नगर सहित ग्रामीण क्षेत्र में टॉयफाइड, डायरिया, मलेरिया के साथ ही संभावित डेंगू कहर बना हुआ है। नगर मे जहां दो दर्जन से अधिक मौते हो चुकी है तो ग्रामीण क्षेत्र के हालात भी इससे इतर नही हैं। क्षेत्र का हर तीसरे घर में उक्त का मरीज मिल जाएगा। सीएचसी पर आने बाले मरीजों को यहां समुचित सुविधाएं नही मिल रही तो निजी हॉस्पिटल में जाने पर भर्ती होने का डर। निजी चिकित्सालयों में भर्ती होने पर एक दिन का कम से कम दस हजार का बिल बनने के डर से गांव-देहात का गरीब तबके को गांव या आसपास में दुकाने खोले झोलाछाप एक बार फिर देवदूत बने हुए हैं।
सीएचसी पर नही है समुचित व्यवस्थाएं
सीएचसी पर बुखार, टॉयफाइट व संभावित डेंगू के आने बाले मरीजों के लिए उपलब्ध दवाओं को प्राथमिक उपचार ही कहा जा सकता है। मरीज की हालत बिगड़ने पर उसे महानगर को रैफर करना होगा। वही सीएचसी पर डेंगू का टेस्ट होने की तो व्यवस्था है पर इस समय मरीजों को यह सुविधा भी किट न होने के चलते नही मिल पा रही हैं।
निजी चिकित्सालयों में बनता है मोटा बिल
फीवर, टॉयफाइड व एसएन 1 पॉजिटव मरीजों को प्रायः डेंगू बताकर भर्ती कर लिया जाता है। यहां भर्ती होने बाले मरीजों का एक दिन का बिल दस हजार के करीब बनता है। निजी अस्पतालों में मोटा बिल बनने की जानकारी होने पर गरीब तबका गांव-देहात में बैठे झोलाछापों के पास जाकर अपना इलाज कराने को मजबूर है। करोना काल की भॉति एक फिर गरीब तबके के लिए झोलाछापा किसी देवदूत से कम नही हैं।
क्षेत्रीय विधायक वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. एमपी आर्य ने बताया कि इस समय डेंगू का भय क्षेत्र के लोगों मे व्याप्त है। संभावित डेंगू के लिए पैरासीटामॉल से ही काम चलाया जा सकता है। महंगी एंटीवायटिक चलाने की आवश्कता नही है। निजी चिकित्सालयों के चिकित्सकों को मानवीय द्रष्टिकोण अपनाते हुए सेवा भाव रखकर अपने यहां आने बाले मरीजों का उपचार करना चाहिए।
नगर के नानक चंद ने मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री, जिलाधिकारी के साथ ही क्षेत्रीय विधायक को पत्र भेजकर सरकारी चिकित्सक को नोडल अधिकारी नियुक्त करने के साथ ही महामारी का रूप धारण कर रहे बुखार के लिए निजी चिकित्सालयों में भर्ती किए जा रहे जा रहे मरीजों के महंगे उपचार पर प्रतिबंध लगाते हुए वेड आदि के शुल्क निर्धारित किए जाने की मांग की है।