Urse Razvi : मुफ्ती-ए-आज़म हिंद क़ौम के मसीहा व हमदर्द थे, उन की बरगाह में अमीर और गरीब सब बराबर थे : मुफ्ती शाहजाद आलम

बरेली, एसएनबी नेटवर्क। आला हजरत इमाम अहमद रज़ा खां फाजिले बरेलवी का 104वां उर्स-ए-रज़वी (Urse Razvi) की सभी रस्मे पूरी अकीदत के साथ दरगाह ताजुश्शरिया के सज्जादानशीन काज़ी-ए-हिंदुस्तान मुफ्ती मोहम्मद असजद रज़ा खां कादरी (असजद मियां) की सरपरस्ती व जमात रज़ा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं उर्स प्रभारी सलमान मियां की सदारत व जमात रज़ा के राष्ट्रीय महासचिव फरमान मियां की निगरानी में दरगाह ताजुश्शरिया और मदरसा जामियातुर रज़ा में सरकार मुफ्ती-ए-आज़म हिन्द और सरकार ताजुश्शरिया के कुल की रस्म अदा की गई। जो जायरीन किसी कारण उर्स पर नहीं आ पाए उन्होंने ऑनलाइन के मध्यम से जुड़कर उर्स में शिरकत की।

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जमात रज़ा के प्रवक्ता समरान खान ने बताया फजर की नमाज़ बाद दरगाह ताजुश्शरिया और मदरसा जामियातुर रज़ा में कुरानख्वानी और नात-ओ-मनकबत की महफिल सजाई गई। असर की नमाज़ बाद हाफिज सरफराज़ रज़ा ने कुरान शरीफ़ की तिलावत की। नातख्वा नईम रज़ा तहसीनी और सैय्यद कैफ़ी अली ने सरकार ताजुश्शरिया की शान में ”क्या कहूं अख्तर रज़ा क्या आप हैं मुफ्ती-ए-आज़म का जलवा आप हैं” दुसरे कलाम में “अपने ही नहीं शैदा गैरों ने तुझे माना तू ताजुश्शरियत है आलम तेरा दीवाना” प्यारे प्यारे कलाम पेश किए। उलमा-ए-इकराम ने सरकार ताजुश्शरिया की जिंदगी पर रोशनी डालते हुए मुफ्ती अफजाल रज़वी और मुफ्ती अब्दुर्रहीम नश्तर फारुकी ने कहा सरकार ताजुश्शरिया को अल्लाह ने जहेरी हुस्न-ओ-जमाल के साथ इल्मी कमाल भी अता फरमाया था। शाम को 07:14 मिनट पर सरकार ताजुश्शरिया मुफ्ती मोहम्मद अख्तर रज़ा खाँ (अज़हरी मियां) के कुल की रस्म अदा की गई।
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पूरी दुनिया में आप को ऐसा लेखक ना मिलेगा

मुख्य कार्यक्रम का आगाज़ रात 9 बजे कारी शर्फोद्दीन ने तिलावत-ए-कुरान से किया। नातख्वा रफीक रज़ा कादरी मुंबई और साबिर रज़ा सूरत ने नात-ओ-मनकबत का नज़राना पेश किया। इमाम अहमद रज़ा खाँ कॉन्फ्रेंस में आए देश-विदेश के दिखर उलमा-ए-इकराम व मुफ्ती-ए-इकराम ने आला हज़रत इमाम अहमद रज़ा खाँ और सरकार मुफ्ती-ए-आज़म हिन्द की जिंदगी पर रोशनी डालते हुए मुफ्ती शाहजाद आलम ने कहा कि आला हज़रत ने 14 सौ किताब लिखकर पूरे हिन्दुस्तान का सर फकर से उंचा कर दिया कि पूरी दुनिया में आप को ऐसा लेखक ना मिलेगा और हमे फकर है की ऐसा इमाम मिला है।

वीडियो देखें : Urse Razvi पर पेश किया गया मुस्लिम एजेन्डा
वही अल्लामा सलमान रजा फरीदी (मस्कट ओमान), अल्लामा काज़ी मुश्ताक, अल्लामा सूफी अब्दुस समद, अल्लामा अब्दुल मुस्तफा रुदौली आदि ने बारी बारी से तकरीर के मध्यम से खिताब पेश किया और कहा सरकार मुफ्ती-ए-आज़म हिंद क़ौम के मसीहा व हमदर्द थे, उन की बरगाह में अमीर और गरीब सब बराबर थे। रात को 01:40 मिनट पर सरकार मुफ्ती-ए-आज़म हिन्द (मुस्तफा रज़ा खां) के कुल शरीफ़ की रस्म अदा की गई। फातिहा मुफ्ती शकील ने शिज़रा कारी फैजू नबी ने पढ़ा। अंत में मुफ्ती असजद मियां ने मुल्क की खुशहारी और तरक्की के लिए खुसूसी दुआ की। कार्यक्रम की निजामत मौलाना गुलजार ने की।
इस मौके पर हुस्साम मिया, हुम्माम मिया, मुफ्ती आशिक हुसैन, बुरान मिया, मंसूब मिया, कारी काज़िम, मौलाना शाहमत रज़ा, मौलाना जाहिद, मौलाना शकील, व उर्स कोर कमेटी से डॉक्टर मेहंदी हसन, हाफिज इकराम रज़ा खाँ, शमीम अहमद, अब्दुल्लाह रज़ा खाँ, मोईन खाँ, समरान ख़ान आदि मौजूद रहें।

अंतिम दिन आज 23 सितंबर बरोज़ जुमा का कार्यक्रम

जमात रज़ा के प्रवक्ता समरान खान ने बताया दरगाह ताजुश्शरिया और मदरसा जामियातुर रज़ा में बाद नमाज-ए-फज्र कुरानख्वानी नात-ओ-मनकबत होगी। सुबह 10 बजे से देश-विदेश के मशहूर उलमा-ए-इकराम व मशाईख-ए-किराम की तकरीर होगी। दोपहर को 2:38 मिनट पर इमाम अहले सुन्नत सरकार आला हज़रत का 104वा कुल शरीफ मनाया जाएगा। इसी के साथ तीन रोज़ा उर्स का समापन हो जाएगा।

मदरसा जामियातुर रज़ा में काज़ी-ए- हिंदुस्तान एक बजे जुमे की नमाज़ अदा कराएंगे

उर्स कोर कमेटी के सदस्य हाफिज इकराम रज़ा ने बताया आला हजरत के उर्स के मारे जिले भर की छोटी-बड़ी मस्जिदों में जुमे की नमाज एक बजे अदा की जाएगी। वही मथुरापुर स्थित मदरसा जामियातुर रज़ा में काज़ी-ए-हिंदुस्तान मुफ्ती मोहम्मद असजद रज़ा खां कादरी (असजद मियां) जुम्मे की नमाज़ एक बजे अदा करेंगे।

आला हजरत की मोहब्बत में देश-विदेश से पहुंचे जायरीन

जमात रजा के राष्ट्रीय महासचिव फरमान मियां ने बताया आला हजरत के 104वां उर्स-ए-रजवी के मौके पर देश-विदेश से लाखों जायरीन बरेली पहुंचे हैं। जिसमें सऊदी अरब, बगदाद शरीफ़, दुबई, बांग्लादेश, मॉरीशस, इंडोनेशिया, तुर्की, नेपाल, ओमान, जिंबाब्वे, मिस्र, साउथ अफ्रीका, इंग्लैंड, श्रीलंका ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका आदि देशों के अलावा उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, गुजरात, जम्मू कश्मीर, झारखंड, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उड़ीसा आदि देश-विदेश के जायरीन बरेली पहुंचे हैं।
उर्स की व्यवस्था में मौलाना सैय्यद अजीमुद्दीन अज़हरी, समरान खान, डॉक्टर मेहंदी हसन, हाफिज इकराम रज़ा खान, शमीम अहमद, मोईन खान, अब्दुल्लाह रज़ा खान, मोईन अख्तर, अतीक अहमद हशमती, बख्तियार खां, सैफ अली कादरी, नदीम सुब्हानी, नावेद, कौसर अली, रिजवान हुसैन, दन्नी अंसारी, अब्दुल सलाम, मौलाना शम्स रज़ा, मौलाना निजामुद्दीन, मौलाना आबिद नूरी, मुफ्ती कासिम, शाईबूद्दीन रज़वी, अकील खान, फैजान रज़ा, शबाब खान, अबरार हुसैन, बहारुल मुस्तफा, सैय्यद मशकूर, अहसान, मुजाहिद खान, डॉक्टर जफर खान, सलीम खान, मोहम्मद अहमद, आले मुस्तफा आदि लोगों का सहयोग रहेगा।

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