Urse Razvi : आज परचम कुशाई से होगा उर्से रज़वी का आगाज़, रात में नातिया मुशायरा
बरेली। आला हज़रत फ़ाज़िले बरेलवी का 104 वा उर्से रज़वी का आगाज़ आज परचम कुशाई की रस्म के साथ होगा। रात में नातिया मुशायरा व हुज्जातुल इस्लाम के कुल शरीफ की रस्म अदा की जाएगी। उर्स की सभी रस्में दरगाह प्रमुख हज़रत मौलाना सुब्हान रज़ा खान (सुब्हानी मियां) व सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रज़ा क़ादरी (अहसन मियां) की निगरानी में दरगाह परिसर व इस्लामिया मैदान में अदा की जाएगी।
मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने बताया कि कल 21 सितंबर से उर्स का आगाज़ इस्लामिया मैदान में परचम कुशाई की रस्म के साथ होगा। इससे पहले आजम नगर स्थित हाजी अल्लाह बख्श के निवास से परचमी जुलूस 4 बजे दरगाह के सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां की क़यादत में कुमार टाकीज, इंदिरा मार्केट होते हुए बिहारीपुर के ढाल के रास्ते दरगाह पहुँचेगा। यहाँ सलामी देने के बाद जुलूस दरगाह से दरगाह प्रमुख हज़रत सुब्हानी मियां की क़यादत में वापिस इस्लामिया मैदान पहुँचेगा। दुनियाभर के उलेमा की मौजूदगी में हज़रत सुब्हानी मियां यहाँ परचम कुशाई की रस्म अदा करेंगे। इसी के साथ उर्स का विधिवत ऐलान हो जाएगा। बाद नमाज़ ए मग़रिब महफ़िल ए मिलाद होगी। रात में 10 बजकर 35 मिनट पर आला हज़रत के बड़े साहिबजादे हुज्जातुल इस्लाम के कुल शरीफ की रस्म अदा होगी। इसके बाद नातिया मुशायरा हज़रत अहसन मियां की सदारत में मुफ़्ती आकिल रज़वी, मुफ्ती सलीम नूरी, मुफ्ती सय्यद कफील हाशमी, मुफ्ती मोइनुद्दीन, मुफ़्ती अफ़रोज़ आलम, कारी अब्दुर्रहमान क़ादरी, मुफ़्ती अनवर अली, मौलाना डॉक्टर एज़ाज़ अंजुम की निगरानी में शुरू होगा। मुफ्ती सलीम नूरी बरेलवी ने बताया कि मुशायरा का मिसरा तरही “इधर उम्मत की हसरत पर उधर खालिक की रहमत पर” होगा। देश विदेश के शायर इसी मिसरे पर अपने-अपने कलाम पेश करेंगे। मुशायरा देर रात तक जारी रहेगा। मुशायरा की निज़ामत (संचालन) मौलाना फूल मोहम्मद नेमत रज़वी व कारी नाज़िर रज़ा बरेलवी करेंगे।
22 सितम्बर (गुरुवार) बाद नमाज़ ए फ़ज़्र कुरानख्वानी, इसके बाद कांफ्रेस होगी। सुबह 9.58 मिनट पर रेहाने मिल्लत व 10.30 बजे मुफ़स्सिर-ए आज़म के कुल शरीफ की रस्म अदा होगी। इसके बाद आपसी सौहार्द कॉन्फ्रेंस होगी। दिन में कार्यक्रम व चादरपोशी का सिलसिला जारी रहेगा। रात में दुनियाभर के मशहूर उलेमा की तक़रीर होगी। देर रात 1 बजकर 40 मिनट पर मुफ्ती आज़म-ए-हिन्द के कुल शरीफ की रस्म अदा होगी।
23 सितंबर (जुमा) बाद नमाज़ ए फ़ज़्र कुरानख्वानी। सुबह 8 बजे से नात ओ मनकबत व तक़रीर का सिलसिला शुरू होगा। जो 2 बजकर 38 मिनट तक जारी रहेगा। आला हज़रत के कुल शरीफ के साथ तीन रोज़ा उर्स का समापन होगा।
उर्स की व्यवस्था में उर्स प्रभारी राशिद अली खान, मौलाना ज़ाहिद रज़ा, परवेज़ नूरी, अजमल नूरी, ताहिर अल्वी, शाहिद नूरी, औरंगजेब नूरी, हाजी जावेद खान, नासिर क़ुरैशी, मंज़ूर रज़ा, आसिफ रज़ा, शान रज़ा, सय्यद फैज़ान अली, यूनुस गद्दी, खलील क़ादरी, रईस रज़ा, तारिक सईद, मुजाहिद रज़ा, आलेनबी, इशरत नूरी, ज़ीशान कुरैशी, हाजी अब्बास नूरी, सय्यद माजिद अली, सय्यद एज़ाज़, काशिफ सुब्हानी, फ़ारूक़ खान, साजिद नूरी, गौहर खान, जोहिब रजा, सबलू अल्वी, गफ़ूर पहलवान, सरताज बाबा, शहज़ाद पहलवान, आरिफ रज़ा, एडवोकेट काशिफ रज़ा, अजमल खान, समी खान, सुहैल रज़ा, शाद रज़ा, अरबाज़ रज़ा, अदनान खान, जावेद खान, अब्दुल माजिद, अयान क़ुरैशी, साकिब रज़ा, रोमान रज़ा, हाजी शकील नूरी, ज़हीर अहमद, फ़ैज़ कुरैशी, नईम नूरी, मुस्तक़ीम नूरी, इरशाद रज़ा, आसिम नूरी, अश्मीर रज़ा, फ़ैज़ी रज़ा, अल्ताफ रज़ा, सलमान रज़ा, सय्यद जुनैद, सय्यद फरहत, ताहिर रज़ा, शाहीन रज़ा, जावेद खान, नफीस खान, हाजी शारिक नूरी, अज़हर बेग, जुनैद चिश्ती आदि दिन रात जुटे है।